Diwali Insight

Diwali Insight

18-10-2022

Diwali is a festival of light that gets immense positive energy with it. It is said to eliminate every negative energy in the house right from money, diseases, education to employment, struggle, disputes. This is also a month of manifestation. So taking measures to create a good atmosphere in the house can help to build a good future.

So, through Alpha Astro, we will let you know the smallest, biggest and most important measures taken on Diwali.

And we claim that you can do such experiments sitting at home and get 100% result.

This year Diwali is on 24 October 2022, Monday

According to the scriptures, worship of Goddess Lakshmi should be done only in three auspicious times, taurus lagna, singh lagna, kumbh lagna during the Pradosh period of Amavas tithi. 

Because according to astrology, these three Ascendants are known as stable zodiac signs and it is believed that the work done in a stable ascendant becomes stable, so worshiping Goddess Lakshmi in a stable ascendant makes Lakshmi stable in the house.

And the second Muhurta is considered to be the Mahanishidh period, but in this period the work of tantric actions, big experiments, accomplishments, motan, upliftment, ghost, phantom sacrifice etc. is done. That is why Goddess Kali is worshiped in the middle of the new moon night.

And in this Mahanishidhi period, by doing many small and big experiments, man can get rid of his problems too.

Date Change Time

The value of Chaturdashi is ending at 5:40 pm on 24th and with the same Amavas date will be from 5:40 pm on 24th October to 4:35 pm on 25th October. (Longitude in different regions of India may vary according to time)

Therefore, the worship of Amavas and Diwali will be celebrated on Monday, October 24 in the evening and night.

In such a situation, the auspicious time of worship will be on October 24 from 6:40 to 8:37 in the best Taurus zodiac sign.

From 1:08 in the night to 3:22 in the morning, there will be an excellent Muhurta in Leo Lagna.

Pradosh Kaal 05:46 to 08:20

Diwali Mahanishidhi Period

11:40 pm to 12:31 pm

Uttam Puja Muhurta in Leo Ascendant on the morning of 25 October from 1:34 to 03:42

Diwali Pujan Choghadiya Muhurta

Godhuli Bela Muharat 

5:19 to 7:22

Night Time

11 34 to 12 :08

Deepawali is of great importance both in spiritual and social form, it is said to be the festival of knowledge over ignorance, of truth on untruth, of religion on sin, of virtue over darkness.

Happy Diwali to all of you devotees, May the blessings of Goddess Lakshmi always be with you and your family.

 

आइए इस वर्ष दिवाली पर मिल रहे हैं शुभ मुहूर्त

दिवाली जिसे सोचते हैं प्रकाश उत्सव के तौर पर मन महसूस करने लगता है दिवाली जिसे सोचते ही माता लक्ष्मी ,सरस्वती और गणेश की कल्पना होने लगती है, साथ ही माता लक्ष्मी के साथ कुबेर, धनवंतरी आदि क्योंकि यह महीना बड़ा ही शुभ कल्याणकारी मुहूर्त लेकर आया है

जिसके द्वारा हम अपने जीवन में चल रहे किसी भी प्रकार की समस्या चाहे वह धन से हो, रोग से हो, संतान से हो, विद्या से हो, घर मकान से हो, रोजी रोजगार से हो,, 

जिसके अंतर्गत हम कुछ छोटे बड़े उपाय करके अपनी सोच को ,अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं ,

धन से संबंधित, रोग ,भूत, प्रेत, जादू टोना से संबंधित समस्याओं का पूर्ण रूप से निवारण कर सकते हैं ,

तो आइए अल्फा एस्ट्रो के जरिए, मेरे जरिए दिवाली पर अपने जरूरत के अनुसार प्रयोग किए जाने वाले छोटे से छोटे ,बड़े से बड़े उपाए जानिए ,,

और हम दावा करते हैं कि आप घर बैठे ऐसे प्रयोगों को करके और शत-प्रतिशत उसका परिणाम पा सकते हैं ||

इस वर्ष दिवाली 24 अक्टूबर 2022- सोमवार

कब बनाना चाहिए दीपावली का पर्व? ? 

शास्त्र अनुसार माता लक्ष्मी का पूजन अमावस तिथि के प्रदोष काल में तीन शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए व तीन शुभ मुहूर्त वृष लग्न सिंह लग्न कुंभ लग्न, , 

क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह तीनों लग्न स्थिर राशि के रूप में जाना जाता है और ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में किए गए कार्य स्थिर हो जाते हैं इसलिए स्थिर लग्न में माता लक्ष्मी की पूजा करने से लक्ष्मी घर में स्थिर होती है ||

और दूसरा मुहूर्त महानिशिध काल माना जाता है मगर इस काल में तांत्रिक क्रियाएं , बड़े बड़े प्रयोग, सिद्धियां मारन, मोटन ,उच्चाटन, भूत ,प्रेत बली आदि का कार्य किया जाता है ,

इसीलिए अमावस के मध्य रात्रि में माता काली की पूजा की जाती है ,

और इसी महानिशिध काल में कई सारे छोटे बड़े प्रयोग करके मनुष्य अपनी भी समस्याओं से निजात पा सकता है ||

तिथि परिवर्तन का समय

24 तारीख को चतुर्दशी का मान शाम 5:40 पर खत्म हो जा रहा है और उसी के साथ अमावस 24 अक्टूबर को शाम 5:40 से 25 अक्टूबर को शाम 4:35 तक अमावस तिथि का मान रहेगा |( भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रेखांश के अनुसार समय ऊपर नीचे हो सकता है)

इसलिए अमावस एवं दिवाली का पूजन 24 अक्टूबर सोमवार को ही शाम एवं रात्री काल में मनाया जाएगा, 

ऐसे में पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 6:40 से 8:37 तक सबसे उत्तम वृष राशि अंतर्गत मुहूर्त रहेगा

रात को 1:08 से सुबह 3:22 तक सिंह लग्न में उत्तम मुहूर्त रहेगा 

प्रदोष काल 05:46 से 08:20

दिवाली महानिशिध काल

रात 11:40 से 12:31 तक

सिंह लग्न में उत्तम पूजा मुहूर्त 25 अक्टूबर की सुबह 1:34 से 03:42 

दिवाली पूजन चौघड़िया मुहूर्त 

गोधूलि बेला मुहूर्त

 5:19 से 7:22 तक

रात्रि मुहूर्त

11 34 से 12 :08 तक 

दीपावली का आध्यात्मिक एवं सामाजिक दोनों रूप में बहुत महत्व है यह असत्य पर सत्य का अधर्म पर धर्म का पाप पर पुण्य का अंधकार पर प्रकाश का अज्ञान पर ज्ञान का पर्व कहा गया है 

आप सभी भक्तों को दीपावली की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं माता लक्ष्मी की कृपा सदैव आप और आपके परिवार पर बनी रहे ||